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Monday, November 3, 2014

Text of PM’s “Mann ki Baat” on All India Radio

Courtesy: pmindia.gov.in



मेरे प्यारे देशवासियो,
क़रीब एक महीने के बाद, मैं फिर से आज आपके बीच आया हूं। एक महीना बहुत लम्बा समय होता है। बहुत सारी घटनाएं देश और दुनिया में होती रहती हैं । आप सबने भी उमंग और उत्साह के साथ दिवाली का पर्व मनाया। उत्सव ही हैं जो समय-समय पर जीवन में उमंग भरते रहते हैं….गरीब हो, अमीर हो, गाँव का हो, शहर का हो, हर किसी के जीवन में उत्सव का अपना महात्म्य रहता ही है । दिवाली के बाद आज मैं पहली बार मिल रहा हूँ आपसे। मेरी आपको बहुत बहुत शुभकामनायें हैं।

पिछली बार जो मैने बातें की थी मुझे उन बातों के बाद एक नया अहसास हुआ है, एक नई अनुभूति हुई है। कभी कभी ऐसा सोचते हैं कि छोड़ो यार …..लोग बेकार हैं, लोगों को कुछ करना नहीं है… हमारा देश ही ऐसा है। मैं पिछले मेरे मन की बात और आज मैं कहता हूं ये सोच बदलना बहुत ही जरूरी है हमारा देश ऐसा नहीं है, हमारे देश के लोग ऐसे नहीं हैं । कभी कभी तो मुझे लगता है कि देश बहुत आगे है, सरकारें बहुत पीछे हैं। और जब मैं अनुभव से कहता हूं कि शायद सरकारों को भी अपनी सोच बदलना बहुत जरूरी है । और मैं इसलिये कह रहा हूं कि मैं देख रहा हूं कि ये युवा भारत ख़ास कर के कुछ न कुछ करने के लिये कमिटेड हैं, लालायित हैं, अवसर खोज रहा हैं। और अपने तरीके से कर भी रहा है । मैंने पिछली बार कहा था, कम से कम एक खादी का वस्त्र ख़रीदिये। मैंने किसी को खादीधारी बनने के लिये नहीं कहा था । लेकिन मुझे खादी भण्डार वालों से जानकारी मिली कि एक सप्ताह में करीब करीब सवा सौ परसेन्ट हंड्रेड एंड ट्वेंटी फाइव परसेन्ट बिक्री में वृद्धि हो गयी। एक प्रकार से पिछले वर्ष की तुलना में 2 अक्तूबर से एक सप्ताह में डबल से भी ज्यादा खादी की बिक्री हुई। इसका मतलब यह हुआ कि देश की जनता हम जो सोचते हैं, उससे भी कई गुना आगे है। मैं भारतवासियों को प्रणाम करता हूं।


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