Courtesy: www.livehindustan.com
राममोहन पाठक, पूर्व निदेशक, मालवीय पत्रकारिता संस्थान, काशी विद्यापीठ, First Published:06-11-14 07:45 PMLast Updated:06-11-14 07:45 PM
'देश की सुरीली धड़कन' होने का दावा करने वाले ऑल इंडिया रेडियो यानी आकाशवाणी की संचार की अकूत शक्ति देश के 98 प्रतिशत हिस्सों तक इसकी तरंगों की पहुंच से सिर्फ नहीं आंकी जा सकती। लगभग नौ दशकों का उतार-चढ़ाव भरा इतिहास अपने दामन में समेटे भारतीय रेडियो को दो दशक पहले 'मृतप्राय' मानने वालों की तादाद कम न थी। लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 'मन की बात' के दो प्रसारणों से अब यह धुंध छंटने लगी है। इसे नया जीवन मिला है और एक नई उम्मीद जगी है। मीडियम और शार्टवेव प्रसारणों के जरिए देश के कोने-कोने तक पहुंचने और दुनियां का सबसे ऊंचा प्रसारण टावर लद्दाख में स्थापित करने के बाद एफएम तकनीक के माध्यम से नया जीवनदान प्राप्त कर चुके भारतीय रेडियो के इतिहास में एक न, अध्याय के रूप में 'मन की बात' के प्रसारण का आकलन किया जाना अनुचित और बेमानी नहीं।
प्रधानमंत्री ने इस श्रव्य माध्यम की जवाबदेही को आमजन से सीधे संवाद के लिए चुनकर रेडियो पर जो विश्वास व्यक्त किया, वह अभूतपूर्व है। वैसे अमेरिका के राष्ट्रपति ओबामा व्हाइट हाउस में बने रेडियो स्टूडियो से प्राय: हर शनिवार को देश के लोगों को सीधे संबोधित करते हैं। भारत में भी आकाशवाणी का सशक्त संवाद माध्यम के रुप में लगभग सभी प्रधानमंत्रियों ने समय-समय पर 'राष्ट्र के नाम संदेश' के माध्यम से उपयोग किया। आजादी की ऐतिहासिक 14-15 अगस्त की रात प्रधानमंत्री (मनोनीत) जवाहर लाल नेहरू का भाषण, गांधी जी के निधन पर- 'द लाइट इज गन' कहते हुए नेहरू जी का राष्ट्र को संबोधन, स्वतंत्रता और गणतंत्र दिवस पर तत्कालीन प्रधानमंत्रियों और राष्ट्रपतियों के राष्ट्र के नाम संबोधन के रेडियो-जैसे प्रसारण की तो पुरानी परम्परा रही। बैंक राष्ट्रीयकरण, प्रिवीपर्स की समाप्ति, बांग्लादेश युद्ध और जून 1975 में देश में आपात स्थिति के समय प्रधानमंत्री का राष्ट्र के नाम पहला संबोधन रेडियो के जरिये ही लोगों तक पहुंचा। देश को आपातकाल की पहली सूचना, महात्मा गांधी की हत्या की पहली विश्वसनीय सूचना रेडियो से ही मिली। आकाशवाणी पर 'पंचों राम-राम' का संबोधन और कार्यक्रम देश में कृषि योजनाओं की सफलता का बहुत बड़ा आधार बना। कविगुरु रवीन्द्रनाथ टैगोर ने सरकार को और बीबीसी से आए प्रथम डायरेक्टर जनरल लायनेल फील्डेन को आल इंडिया रेडियो का हिन्दी नाम 'आकाशवाणी' दिया।
Tamil nadu HSC Date Sheet
ReplyDeleteUP Board 12th Date Sheet
Date Sheet
Raj University Result
KPTCL Recruitment 2016
ReplyDeleteAPPSC Engineer Recruitment 2016
AP Police Recruitment
Rajasthan Police Bharti 2016
Kerala SSLC Time Table 2017
DHSE Kerala 12th Admit Card
Kerala Board SSLC Admit Card
Kerala DHSE 12th Time Table 2017