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Wednesday, October 15, 2014

र्दूरदर्शन भोपाल का स्थापना दिवस समारोह

 
Published: Wed, 15 Oct 2014 08:38 AM (IST) | Updated: Wed, 15 Oct 2014 08:38 AM (IST)



हेडिंग :- ऐसा इंसान कहां आज दिखाई देगा...

- दूरदर्शन भोपाल के 23वें स्थापना दिवस समारोह में हुई सांस्कृतिक प्रस्तुतियां

भोपाल। तबले की थाप संग दर्जनों घुंघरूओं की झंकार मंगलवार को संगीत प्रेमियों को सुर सरिता से सराबोर कर दिया। नजारा था, दूरदर्शन केन्द्र का। दूरदर्शन भोपाल के 23वें स्थापना दिवस समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें कलाकारों ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियों से कलारसिकों का दिल जीत लिया। समारोह में बनारस घराने के कलाकारों ने कथक नृत्य, राजस्थान के ख्यात कलाकार अप्पानाथ समूह के कलाकारों ने राजस्थानी नृत्य, प्रेम नारायण एंड ग्रुप ने सेक्सोफोन और बुराहनपुर के कव्वालों ने ठेलिया कव्वाली की आकर्षक प्रस्तुति दी। इस मौके पर कलाकारों ने विभिन्न विधाओं का बेजोड़ संगम पेश किया।

डगर बीच कैसे चलूं...

समारोह की शुरुआत बनारस घराने के युगल कथक कलाकार पं. माता प्रसाद मिश्र और पंडित रविशंकर मिश्र के पारंपरिक नृत्य से हुई। जहां उन्होंने राग बैरागी में शिव वंदना पेश की। इस जोड़ी ने भगवान शिव के विभिन्ना रूप और सौंदर्य का चित्रण बंदिश में पेश किया। इसके बाद, कलाकारों ने तीन ताल में परंपरागत तोड़ा, उठान, चक्रधर, ताल, उपज की शानदार प्रस्तुति देकर संगीत प्रेमियों को खासा रोमांचित किया। नृत्य के इसी क्रम में उन्होंने राग चारुकेसी में कृष्णलीला को दिखाया। वहीं, राग मिश्र ख्माज में दादरा गीत 'डगर बीच कैसे चलूं...' की प्रस्तुति दी। प्रस्तुति में तबले पर प्रीतम कुमार मिश्र, हारमोनियम पर आनंद किशोर मिश्र और सितार पर अमन तेलंग ने संगत दी।

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