Source: livehindustan.com | By Vivek Tiwari, New Delhi
First Published:24-09-13 10:57 PM
दूरदर्शन जल्द ही दुनिया की अत्याधुनिक प्रसारण तकनीक डीवीटी-2 का इस्तेमाल शुरू करेगा। इसके बाद 600 से ज्यादा फ्री चैनल दूरदर्शन के चैनलों की तरह आपके टीवी तक मुफ्त पहुंचेंगे। नई तकनीक से पेड चैनल भी दिखाए जा सकेंगे। इसके लिए भी प्रति माह कोई शुल्क नहीं लगेगा। इसके लिए नए ट्रांसमीटर देशभर में लगाए जा रहे हैं। दूरदर्शन की यह सेवा मार्च में शुरू की जाएगी।
क्या है तकनीक: टीवी चैनल दिखाने के लिए देश में दो तरह की व्यवस्थाएं हैं। एक तो सेटेलाइट के जरिए चैनल दिखाए जाएं जिससे फिलहाल सारे चैनल दिखाए जा रहे हैं। दूसरा ट्रांसमीटरों के जरिए प्रसारण किया जाए। ट्रांसमीटरों के जरिए प्रसारण का अधिकार सिर्फ दूरदर्शन को है। डीवीटी - 2 (डिजिटल वीडियो ब्राडकास्ट - टैरेस्ट्रियल) तकनीक के तहत दूरदर्शन अपने ट्रांसमीटरों को डिजिटल बना रहा है। इसके बाद दूरदर्शन की क्षमता एक चैनल की जगह में दस चैनल दिखाने की हो जाएगी। अब तक इस तकनीक का प्रयोग सिर्फ ब्रिटेन और कई अन्य यूरोपीय देशों में हो रहा है। इससे सेटलाइट पर बोझ घटता है।
कंपनियों को भी फायदा: कई क्षेत्रीय कंपनियों को अपने चैनल देश के कुछ इलाकों में दिखाने होते हैं पर सेटेलाइट पर जगह लेने के चलते उनका चैनल पूरे देश में चलता है। वहीं, दूरदर्शन को बेहद मामूली शुल्क दे कर कंपनियां अपनी पसंद के इलाकों में प्रसारण कर सकती हैं। दूरदर्शन से चैनल दिखाना सेटेलाइट की अपेक्षा 25% तक सस्ता पड़ेगा।
Source Link: http://www.livehindustan.com/news/desh/today-news/article1-story-39-329-365679.html
First Published:24-09-13 10:57 PM
दूरदर्शन जल्द ही दुनिया की अत्याधुनिक प्रसारण तकनीक डीवीटी-2 का इस्तेमाल शुरू करेगा। इसके बाद 600 से ज्यादा फ्री चैनल दूरदर्शन के चैनलों की तरह आपके टीवी तक मुफ्त पहुंचेंगे। नई तकनीक से पेड चैनल भी दिखाए जा सकेंगे। इसके लिए भी प्रति माह कोई शुल्क नहीं लगेगा। इसके लिए नए ट्रांसमीटर देशभर में लगाए जा रहे हैं। दूरदर्शन की यह सेवा मार्च में शुरू की जाएगी।
क्या है तकनीक: टीवी चैनल दिखाने के लिए देश में दो तरह की व्यवस्थाएं हैं। एक तो सेटेलाइट के जरिए चैनल दिखाए जाएं जिससे फिलहाल सारे चैनल दिखाए जा रहे हैं। दूसरा ट्रांसमीटरों के जरिए प्रसारण किया जाए। ट्रांसमीटरों के जरिए प्रसारण का अधिकार सिर्फ दूरदर्शन को है। डीवीटी - 2 (डिजिटल वीडियो ब्राडकास्ट - टैरेस्ट्रियल) तकनीक के तहत दूरदर्शन अपने ट्रांसमीटरों को डिजिटल बना रहा है। इसके बाद दूरदर्शन की क्षमता एक चैनल की जगह में दस चैनल दिखाने की हो जाएगी। अब तक इस तकनीक का प्रयोग सिर्फ ब्रिटेन और कई अन्य यूरोपीय देशों में हो रहा है। इससे सेटलाइट पर बोझ घटता है।
कंपनियों को भी फायदा: कई क्षेत्रीय कंपनियों को अपने चैनल देश के कुछ इलाकों में दिखाने होते हैं पर सेटेलाइट पर जगह लेने के चलते उनका चैनल पूरे देश में चलता है। वहीं, दूरदर्शन को बेहद मामूली शुल्क दे कर कंपनियां अपनी पसंद के इलाकों में प्रसारण कर सकती हैं। दूरदर्शन से चैनल दिखाना सेटेलाइट की अपेक्षा 25% तक सस्ता पड़ेगा।
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